कीजे कृपा विशेष
ज्ञानदायिनी शारदे, कीजे कृपया विशेष।
दुनिया पर छाया रहे, अपना भारत देश।।
मैया मेरी शारदे, दे दो इतना ज्ञान।
गुरु बने इस विश्व का, मेरा हिंदुस्तान।।
कृपा करो बागेश्वरी, कर दो बेड़ा पार।
नतमस्तक हो आपके, गुण गावे संसार।।
झगड़े सारे भूलकर, बहे प्रेम की धार।
हर मानव में तुम भरो, इतना गहरा प्यार।।
ज्ञानदायिनी ज्ञान के, भर दो तुम भंडार।
भक्तों की माता कभी, कहीं न होवे हार।।
माघ शुक्ल की पंचमी,जन्मदिवस तव आज।
तू विद्या की दायिनी,मुझको तुझ पर नाज।।
वीणा पाणी आज तुम, कर दो दुख का अंत।खुशहाली ले आ गया, अब ऋतु राज बसंत।।
शारद ,अम्बे,हे शुभे,दो सबको उपहार।
कोरोना का अंत हो, सुख की चले बयार।।
वसुधा पर लहरा रहे, पीले पीले फूल।
रतिपति के सायक चले, यह वसंत का मूल।।
रावत वसुधा पर मिलें, हर सजनी के कंत।
घर घर खुशियों से भरे, यह ऋतुराज वसंत।।
रचनाकार ✍️
भरत सिंह रावत भोपाल मध्यप्रदेश
Seema Priyadarshini sahay
28-Aug-2021 11:49 AM
बहुत ही खूबसूरत
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Niraj Pandey
28-Aug-2021 11:30 AM
जय हो
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Renu Singh"Radhe "
28-Aug-2021 10:50 AM
बहुत सुंदर रचना
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